मंगलवार, 30 अक्टूबर 2018

बवासीर के लक्षण कारण और इलाज




आजकल बवासीर काफी लोगों को होने लगा है जोकि अधिकतर आजकल की जीवन शैली का प्रभाव है |
बवासीर  मलद्वार  में होने वाली एक बेहद पीड़ादायक बीमारी है. इसे आयुर्वेद में अर्श के नाम से जाता है | हमारे शरीर के Anus भाग में खून की नशें  होती है जो कभी – कभी किसी दबाव या किसी अन्य कारण से गुदा  के अंदरूनी या बाहरी भाग में तथा मलाशय के निचले हिस्से की रक्त नलिकाओ में सूजन आ जाती है | इसी वजह से गुदा में अन्दर या बाहर मस्से जैसे बन जाते हैं |

बवासीर के प्रकार

बवासीर दो प्रकार की होती हैं |

पहली अंदरूनी बवासीर, जोकि गुदा  के अन्दर होती हैं और कई बार रोगी को पता भी नहीं चलता कि वह बवासीर से पीड़ित है |

दूसरी बाहरी बवासीर, जोकि गुदा  के बाहरी भाग में होती है | बाहरी बवासीर आसानी से पता चल जाती है क्योकि इस अवस्था में गुदा  के बाहरी भाग में छोटी – छोटी गांठें पड़ जाती है | गांठो में कभी –  कभी खून भी जम जाता है और इसके कारण दर्द भी हो सकता है और साथ ही अत्यधिक पीड़ा भी होती है | गुदा  खून आना ही बवासीर के कारण नहीं है, बल्कि आँतों के कैंसर के कारण भी हो सकता हैं, इसलिये यदि गुदा  से खून आ रहा है तो जाँच कराये और समय पर इलाज भी कराएँ |

अंदरूनी बवासीर की 3 स्थितियां होती हैं –


पहली अवस्था – इस अवस्था में गुदा के अन्दर रक्त नलिकाओं में थोड़ी सी सूजन होती है, लेकिन दर्द नहीं होता है | कभी कब्ज या अन्य कारण से मल त्याग करते समय अधिक जोर लगाने से गुदा मार्ग से खून आने लगता है |

दूसरी अवस्था – इस अवस्था में सूजन थोड़ी ज्यादा होती है | मलत्याग करते समय जोर लगाने से खून के साथ मस्से भी बाहर आ जाते हैं और मलत्याग करने के बाद ये अपनेआप अन्दर चले जाते है |

तीसरी अवस्था – यह अवस्था काफी पीड़ादायक होती है | इस अवस्था में मलत्याग करते समय खून के साथ मस्से भी बाहर आ जाते है और अपने आप वापस भी नहीं जाते है | कभी – कभी हाथों से धकेलने पर भी मस्से अन्दर नहीं जाते हैं |



बवासीर के लक्षण

बवासीर के मुख्यतः 4 लक्षण होते हैं –

⦁ रोगी जब मलत्याग के  लिए जोर लगाता है तो मल के साथ मस्से भी गुदाद्वार से बाहर आ जाते हैं | शुरुवात में तो ये मस्से अपने आप अन्दर चले जाते हैं लेकिन कुछ रोगियों में इन्हें हाथ से धकेलना पड़ता है |

⦁ मलत्याग के साथ खून भी निकलता है जोकि बूदों या धार के रूप में हो सकता है, लेकिन सामान्यतया इसमें दर्द नहीं होता है |

⦁ कुछ लोगों में मल के साथ कफ़ भी बाहर निकलता है |

⦁ गुदा में खुजली होती रहती है

बवासीर के कारण

बवासीर एक ऐसा रोग है जो किसी भी व्यक्ति को किसी भी उम्र में हो सकता है |  यह एक आम रोग है और पूरे विश्व में लगभग 45% लोग इस रोग से कभी न कभी पीड़ित होते हैं | बवासीर होने के कई कारण है



लगातार कब्ज का होता – कब्ज की वजह से मलत्याग करते समय जोर लगाने के कारण गुदा के आस पास की रक्त नलिकाओ पर लगातार दबाव पड़ने के कारण बवासीर हो जाती है |

आनुवांशिक वजहों से – कुछ लोगों में बवासीर आनुवांशिक कारणों से भी होती है | इस कारण से रक्त नलिकाओं की अंदरूनी परत कमजोर होने से बवासीर होती है |

महिलाओं में गर्भावस्था – कुछ महिलाओ में बवासीर की शिकायत गर्भावस्था के दौरान पाये जाती है | पेट में पल रहे गर्भ के दबाव और शरीर में होने वाले हार्मोन्स में बदलाव का रक्त नलिकाओं पर होने वाले असर के कारण बवासीर होती है |

बुढ़ापे के वजह से – बुढ़ापे की वजह से भी बवासीर होती है | उम्र के साथ गुदा भाग का अंदरूनी हिस्सा कमजोर पड़ने के कारण बवासीर रोग होता है |

गुदा मैथुन करने से – गुदा मैथुन एक अप्राकृतिक सेक्स है और इसे नहीं करना ही उचित होता है | लेकिन जो लोग अधिक मोटे पेनिस से अकसर गुदा सेक्स करते हैं उन्हें इस प्रकार से बवासीर होने का ख़तरा होता है |

अधिक वजन उठाना – जिन लोगों को अक्सर अधिक भार उठाना होता है वे भी इसके कारण बवासीर के शिकार हो सकते है | अधिक भार उठाते समय सांस रोकते है और गुदा पर अधिक दबाव पड़ता है जिससे बवासीर रोग होता है |

मोटापा होने के कारण – जिन  लोगों का वजन सामान्य से ज्यादा हैऔर पेट काफी बड़ा है, ऐसे लोगों में पेट के बढ़ते दबाव के कारण बवासीर रोग होता है |

खान  पान सही न होने के कारण – यह बवासीर होने का मुख्य कारण है | यदि आप पौष्टिक खाना नहीं खाते और अधिकतर मिर्च मसालेदार, अधिक तला भुना, फ़ास्ट food, अधिक ठण्डा पानी पीना, ठण्डी कोल्ड ड्रिंक्स पीना लेते हैं तो आपका पाचन कमजोर हो जाता है और कब्ज हो जाता है | कब्ज के कारण बवासीर रोग हो जाता है |

खराब जीवनशैली की वजह से – बवासीर रोग आजकल की खराब जीवनशैली की वजह से भी होता है | इसमे जैसे लम्बे समय तक एक जगह बैठे रहना या खड़े रहना, शराब पीना, धूम्रपान करना, तम्बाकू और मसाला खाना आदि ऐसी आदते है जो बवासीर का कारण हैं |



बवासीर से बचाव और इलाज



बवासीर से बचाव बहुत ही आसान है | पहला तो आप ऊपर दिए गए बवासीर के कारणों पर ध्यान देना और साथ निम्न चीजों पर ध्यान देना है –

⦁ आप रोजाना सुबह खाली पेट एलोवीरा का जूस लगभग 20 ml पिए और रात को खाना खाने से 1 घन्टे पहले भी पिए | एलोवीरा में पाने न मिलाएं और इसे पीने के 30 मिनट बाद 500ml (2 गिलास) गुनगुना पानी पियें | इससे आपको बवासीर है तो कुछ महीनो में ठीक हो जायेगी और यदि नहीं है तो कभी नहीं होगी |

⦁ खाना खाने के बाद 5-10 मिनट तक वज्रासन में जरूर बैठें |

⦁ खाना खाने के एक घन्टे बाद ही पानी पियें लेकिन आप चाहें तो खाने के बाद ग्रीन टी ले सकते हैं |

⦁ बवासीर रोगी को शाम का खाना हल्का खाना चाहिए और शाम 7 बजे तक खा लेना चाहिए |

⦁ खाने में हरी सब्जियों को अधिक से अधिक शामिल करें |

⦁ यदि आपकी बवासीर इस प्रकार की दिनचर्या के बाद भी ठीक नहीं हो रही है और स्थिति गम्भीर हैं तो आप इसका ऑपेरशन भी करा सकते है | लेकिन ऑपेरशन कराना इसका  इलाज नहीं है क्योकि यह फिर हो जाता है | इसलिए यदि ऑपेरशन भी कराया है तो बाद में अपनी दिनचर्या ऊपर दी गयी सलाह के अनुसार ठीक रखें तभी इससे हमेशा के लिए छुटकारा मिलेगा |

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