हेपेटाइटिस रोग, लीवर में सूजन और जलनके कारण होता है। लीवर शरीर को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण कार्य करता है। पोषक तत्वों को स्टोरेज करने के साथ ही शरीर में ऊर्जा के संचार को कंट्रोल करना और कोलेस्ट्रॉल आदि का निर्माण भी लीवर ही करता है। लीवर यानि गुर्दे में परेशानी तब आती है जब हानिकारक पेय या भोजन अधिक मात्रा में खाया जाता है। शराब या अन्य नशीले पदार्थ लीवर पर बुरा असर डालते हैं। इससे इम्यून सिस्टम भी कमजोर हो जाता है। कई बार यह आनुवंशिक समस्या भी हो सकती है।
हेपेटाइटिस के लक्षणों में पेट के दायीं ओर के हिस्से में भारीपन लगता है, पीलिया हो सकता है, थकावट महसूस होती है तथा खुजली होती है। हेपेटाइटिस का उपचार घरेलू सामग्री से भी संभव है लेकिन स्थिति अगर काबू में न आए तो चिकित्सक के पास जाना ही ठीक होता है।
कुछ घरेलू उपाय
1. अजवायन और जीरा
एक चम्मच अजवायन और एक चम्मच जीरा पीसकर पाउडर बना लें। इसमें एक चुटकी नमक मिलाएं। इस चूरन को रोजाना दो बार खाएं। इससे इम्यूनिटी बढ़ेगी और हेपेटाइटिस में आराम होगा।
2. लिकोरिस पाउडर और शहद
एक बड़ा चम्मच लिकोरिस पाउडर में दो चम्मच शहद मिलाकर प्रतिदिन खाएं। हेपेटाइटिस के उपचार में यह भी बेहद फायदेमंद है। इसके साथ ही लिकोरिस की जड़ को पानी में उबालकर उसकी चाय भी बनाई जा सकती है।
3. लहसुन
लहसुन रक्त को साफ करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है ऐसे में रोजाना सुबह खाली पेट लहसुन की एक से दो कली चबाएं। साथ ही खाना बनाने में भी लहसुन का प्रयोग मसाले के रूप में जरूर करें।
4. हल्दी
हल्दी इनफ्लेमेंटरी गुणों से भरपूर होती है। हल्दी का इस्तेमाल भी हेपेटाइटिस से रक्षा कर सकता है। हल्दी को दूध में डालकर पीने से भी बहुत लाभ होता है। हालांकि पीलिया होने में हल्दी लेने की मनाही होती है।
5. काली गाजर
काली गाजर के भी बहुत फायदे हैं। विटामिन से भरपूर काली गाजर से खून की कमी पूरी होती है तथा रक्त संचार सुधरता है। हेपेटाइटिस में भी गाजर को सलाद के रूप में खाने से बहुत फायदे होते हैं।
6. ग्रीन टी
ग्रीन टी यानि हर्बल चाय गुणों से भरपूर होती है। ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट (antioxidant) होते हैं जो शरीर के साथ ही मस्तिष्क को भी स्वस्थ रखते हैं। हेपेटाइटिस के उपचार और बचाव के लिए ग्रीन टी को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
7. आंवला
आंवला विटामिन सी से भरपूर होता है जो लीवर को हर तरह से फायदा पहुंचाता है। आंवला का प्रयोग च्यवनप्राश में भी किया जाता है जिससे इम्यूनिटी बढ़े और पाचन शक्ति मजबूत हो। ऐसे में आंवला का प्रयोग दैनिक आहार में भी किया जा सकता है। आंवला जूस, चटनी, अचार आदि को दैनिक आहार में शामिल करें।
8. अलसी के बीज
अलसी के बीज शरीर में हार्मोन का संतुलन दोनों बनाए रखते हैं और उन्हें रक्त में सही तरीके से भेजने का काम भी करते हैं। फ्लैक्स सीड में सायटोकांस्टीट्यूएंट्स होते हैं जो कि हार्मोन की बाइंडिंग का काम करते हैं और लीवर पर अतिरिक्त भार नहीं पड़ने देते। फ्लैक्स सीड को यूं ही टोस्ट के ऊपर, सलाद मे या दाल आदि में डालकर खाया जा सकता है। यह लीवर को मजबूत बनाने में सहायक है जिससे हेपेटाइटिस रोग से बचाव होता है।
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