गुरुवार, 25 अक्टूबर 2018

बच्चों में स्टमक फ्लू



 अगर बच्चा पेट में दर्द की शिकायत करे तो उसे अनदेखा न करें, क्योंकि यह दर्द स्टमक फ्लू की वजह से भी हो सकता है | यह आतों में दर्द से संबंधित ऐसी समस्या है, जिसे मेडिकल साइंस की भाषा में गैस्ट्रोएन ट्राइटिस कहा जाता है, जिसका बच्चे की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है |

कारण 

1. वातावरण में मौजूद वायरस और बैक्टीरिया से स्टमक फ्लू हो सकता है |
2. खाने-पीने में सफाई का ध्यान न रखने से भी यह समस्या हो सकती है |
3. सी-फूड या खाने की किसी अन्य चीज से होने वाली एलर्जी के कारण भी यह समस्या हो सकती है |
4. अत्यधिक गरिष्ठ भोजन भी इस समस्या का कारण हो सकता है |

लक्षण 

1. पेट में ऐंठन के साथ दर्द
2. लूज मोशन
3. उल्टियां आना
4. बुखार
5. कमजोरी महसूस होना
6. भोजन में अरुचि
7. शरीर में पानी की कमी की वजह से चेहरा मुरझा जाना
चाव

बचाव

1. अपने पूरे घर और खास तौर से किचन की सफाई का ध्यान रखें |
2. बच्चे को हमेशा ताजा और अच्छी तरह पकी हुई चीजें ही खिलाएं |
3. पहले से काट कर रखे हुए फल कभी न खिलाएं, क्योंकि इनमें बैक्टीरिया पनपने का खतरा बहुत अधिक रहता है |
4. अगर सफाई का ध्यान रखने के बावजूद बच्चे को स्टमक इंफेक्शन की समस्या हो जाए तो उसे इससे बचाने के लिए हर दो-तीन मिनट के अंतराल पर 2-4 चम्मच ओआरएस  का घोल पिलाती रहें | लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद पुराना घोल हटाकर नया घोल बना लें |
5. अगर बच्चा 1 साल से कम उम्र का है और वह मां का दूध पीता है तो आप उसे फीड कराना भी जारी रखें |
6. हर 4 घंटे के अंतराल पर बच्चे के शरीर के तापमान की जांच करती रहें |
7. ऐसी समस्या होने पर बच्चे को हमेशा हल्का और सादा भोजन दें, घी-तेल से बनी और मसालेदार चीजों से उसे दूर रखें | दाल की खिचड़ी, छाछ, दही, केला आदि भी उसके लिए फायदेमंद साबितहोता है |
8. बच्चे को ओआरएस के विकल्प के रुप में बाजार में बिकने वाला डिब्बाबंद जूस, कोल्ड्रिंक्स आदि न दें | इन चीजों में चीनी, पानी और नमक का अनुपात सही नहीं होता और इनसे दोबारा पेट में इंफेक्शन होने का खतरा रहता है |
9. बच्चे को खिलाने से पहले अपने हाथ अच्छी तरह धोएं |
10. बच्चों की आंखों के आसपास की त्वचा का सूख जाना, रोते समय उसकी आंखों से आंसू न आना, कई घंटे तक यूरिन न आना, मुंह सूखना, नींद न आना, तेज बुखार आदि इसके गंभीर लक्षण हैं | इनमें से अगर एक भी लक्षण दिखाई दे तो बिना देर किए उसे डॉक्टर के पास जरूर ले जाएं |
11. डॉक्टर से जांच कराए बिना अपने मन से बच्चे को कोई दवा न दें |
12. उल्टियां और लूज मोशन बंद होने के बाद भी बच्चे को 24 घंटे तक बिस्तर पर लेट कर आराम करने दें, क्योंकि इससे शरीर कमजोर हो जाता है और उसे सामान्य अवस्था में लाने के लिए आराम की जरूरत होती है |

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