गुरुवार, 13 दिसंबर 2018
मुँह के छाले
मुख व्रण या मुँह के छाले एक आम समस्या है जो विभिन्न कारणों से उत्पन्न हो सकते हैं. ये देखने में छोटे घावदार लाल या सफेद मुख वाले जो किनारों पर सूजन लिए होते हैं. वैसे तो सरलता से ही ठीक हो जाते हैं परंतु कभी-कभी मुश्किल से ठीक होने वाले बड़े चालों में आयुर्वेदीय औषधियों का प्रयोग किया जाता है. ये विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं:
⦁ छोटे (2-8 मिली मीटर वर्गाकार के)
⦁ बड़े: बड़े छाले जो ज़्यादा गहरे तक मुख में घाव बना देते हैं तथा ये ठीक होने पर एक निशान छोड़ देते हैं.
⦁ दर्द वाले या बिना दर्द करनेवाले.
⦁ हरपीस के कारण उत्पन्न छाले.
मुँह के छाले होने के कारण
⦁ मुख व्रण क़ब्ज़ के कारण भी हो सकते है. इस अवस्था में क़ब्ज़ को हटाने से छाले भी सर्वथा ठीक हो जाते हैं.
⦁ अपच: किसी भी प्रकार की अपच अथवा अजीर्ण से मुख में छालों की समस्या उत्पन्न होती है.
⦁ विटामिन ब-कॉंप्लेक्स और विटामिन सी की कमी से.
⦁ कॅल्षियम की कमी के कारण.
⦁ अत्यधिक मसालेदार भोजन के सेवन से
⦁ कम पानी पीने के कारण.
वास्तव में ये शरीर में पित्त के बढ़ जाने से उत्पन्न होते हैं.
मुख के छालों के लिए आसान प्रयोग
⦁ धनिया के कुछ पत्तों का पेस्ट बनाकर पानी में घोल लें और इनसे दिन में 3-4 बार गरारे करें.
⦁ दिन में 2-3 बार कच्चे टमाटर खाएँ या इनका जूस पीजिए.
⦁ इन पर घी या अनारियल तेल लगाने से ये जल्दी ही ठीक हो जाते हैं.
⦁ गरम और ठंडे पानी से बारी- बारी से गरारे करने से भी मुख के छालों में बहुत लाभ मिलता है.
⦁ हल्दी और ग्लिसरीन को मिक्स कर लें और इस पेस्ट को छालों पर लगावें. यह बहुत असरदार प्रयोग है.
⦁ थोड़ी सी कर्पूर में मीठी कॅंडी पीस लें. ये मिश्रण छालों के उपर लगाएँ.
⦁ नारियल पानी से गरारे करते हुए इसे दिन में 2-3 बार पीजिए. इससे आश्चर्यजनक
⦁ सुबह उठकर केला और दही खाएँ. दिन में गर्म, मसालेदार खाने मत लीजिए.
⦁ नारियल तेल और शहद के प्रयोग से भी इस दिक्कत में लाभ मिलता है.
⦁ चाय और कॉफी का सर्वथा त्याग करें.
⦁ बेर को पीसकर इसे छाले पर लगाएँ.
⦁ दूध अथवा पानी में 1-1 चम्मच जीरा और धनिया के दाने डालकर तब तक उबालें जब तक की मिश्रण आधा ना रह जाए. इसमें स्वादानुसार शर्करा अथवा गुड मिला लें. इस घोल का सेवन दिन में दो बार करें. इससे अपच से भी निवरत्ति मिलती है.
⦁ मधु को उंगली पर लगाकर उसे छालों पर लगाने से इनके प्रकोप से राहत मिलती है.
⦁ आम या अमरूद के नर्म पट्टियों को चबाकर उनका रस मुख में चालों के स्थान पर रखने से तथा इनके सेवन से भी इस ताकलीफ़ से राहत मिलती है. यही प्रयोग अगर जाजी मालीगी के पत्तों द्वारा किया जाए तो अत्यंत फलदायी सिद्ध होता है. इनसे थोड़ी देर के लिए सुन्न्ता का अनुभव होता है परंतु शीघ्र ही आराम आ जाता है.
⦁ जीरा का आधा चम्मच चबाकर खाने के उपरांत १ गिलास पानी पीजिए. इस प्रयोग से भी चालों में अत्यंत लाभ मिलता है.
कुछ आयुर्वेदीय औषधियाँ बड़े और मुश्किल से ठीक होने वाले मुख के छालों में उपयोग की जा सकती हैं.
⦁ त्रिफला चूर्ण को शहद में मिलाकर छालों पर लगाने से आराम मिलता है.
⦁ खादिराधी वॅटी के प्रयोग से भी ये छाले कम हो जाते हैं और मुख की दुर्गंध भी नष्ट हो जाती है.
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