गुरुवार, 25 अक्टूबर 2018

क्वादु/रागी/ मंडुआ के स्वास्थ्यवर्धक फायदे



मंडुआ , क्वादु , रागी , कई नामो से जाने वाला यह साधारण अनाज , किसी जमाने में गरीबों का खाना
माना जाता था, यह अपनी पौष्टिक गुणवता के कारण, सब का चहेता अनाज बन गया है.  आज के
उपभोक्ता बाजार में, गेहूं से महँगा हो गया है रागी या मंडुआ की मांग आज विश्वभर में तेजी से बढ़ रही है। रागी अथवा मडुआ खाने में स्वादिष्ट पोष्टिकता से भरपूर निरोग अनाज है। रागी का इस्तेमाल रोटी, सूप, जूस, उपमा, डोसा, केक, चॉकलेट, बिस्किटस, चिप्स, और आर्युवेदिक दवा के रूप में होता है। रागी मंडुआ कैल्शियम, प्रोटीन, ट्रिपटोफैन, फाइबर, आयरन, मिथियोनिन, रेशे, लेशिथिन, कार्बोहाइड्रेट इत्यादि जैसे स्वास्थ्यवर्धक तत्वों का परपूर भण्डार है। रागी मंडुआ पाचन तंत्र, डायबिटीज, ब्लडप्रेशर, कैंसर, रक्त विकार, मांसपेशियों हड्डियों के रोगों विकारों को दूर करने में सक्षम पाया गया है। रागी को भारत में अलग-अलग नामों से जैसे मडुआ, रोगी, मारबा, नगली, मनडेआ, मनडुका, केप्पइ, अंग्रेजी में Finger Millet इत्यादि नामों से पुकारा जाता है। रागी मडुआ की पैदावार भारत में लगभग सभी जगहों में होती है। रागी मंडुआ प्राचीन काल से ही उत्तर और दक्षिण भारतीय लोगों का मन-पंसद अनाज रहा है। आज विश्वभर में रागी मडुआ अनाज की मांग स्वास्थ्यवर्धक पोषक गुणों को मध्यनजर रखकर तेजी से बढ़ रही है। भारत विश्व के टॉप 10 देशों में से नम्बर 1 पर हैं, जो सबसे ज्यादा रागी मंडुआ पैदावार करने वाला देश है। रागी मंडुआ के आटे को गेहूं आटे में मिलाकर हर घर में सेवन करना अति फायदेमंद है।

रागी /मंडुआ के स्वास्थ्यवर्धक फायदे

 क्वादु का आटा घर में मौजूद गेहूं आटे के साथ मिलाकर सेवन करना अति फायदेमंद है। रागी के आटे की रोटी खाने से शरीर में आसानी से कैल्शियम, प्रोटीन, ट्रिपटोफैन, आयरन, मिथियोनिन, रेशे, लेशिथिन इत्यादि महत्वपूर्ण स्वास्थ्यवर्धक तत्वों की पूर्ति हो जाती है।

 मोटापा घटाये रागी मंडुआ 
 मंडुआ में कैल्शियम और ट्रिपटोफैन एसिड पाया जाता है। जोकि मोटापा घटाने में सक्षम है। वजन मोटापा घटाने के लिए डाईटिंग के दौरान रागी मंडुआ आटे की सूजी, पेय, खाद्यपदार्थ खाना फायदेमंद है। मंडुआ रागी में फैट की मात्रा कम होती है। साथ में एमिनो अम्ल और रेशे बुहु मात्रा में होते हैं।

मांसपेशियां हड्डियां मजबूत करे

 मंडुआ मांसपेशियों हड्डियों को मजबूत और तनाव मुक्त करने में सक्षम पाया गया है। रागी मंडुआ में 80 प्रतिशत कैल्श्यिम की मात्रा पाई जाती है। रागी / मंडआ हड्डियों में ऑस्टियोपोरोसिस होने से बचाने में सहायक है।

डायबिटीज पीड़ित के लिए मंडुआ 

मंडुआ डायबिटीज पीड़िता के लिए उत्तम अनाज माना गया है। रागी मंडुआ में रिच फाईबर युक्त और शुगर फ्री अनाज है।

खून की कमी पूरी करे 

रागी मंडुआ में आयरन रिच मात्रा में मौजूद हैं। मंडुआ/रागी के आटे की रोटी और पत्तेदार हरी सब्जी लगातार 15-20 दिन मात्र खाने से रक्त की कमी तुरन्त दूर हो जाती है।

उच्च रक्तचाप नियत्रंण करे 

रागी मंडुआ अनाम में मिथयोनिन, कार्बोहाइड्रेट, लेशिथिन तत्व मौजूद हैं जोकि रक्तचाप बढ़ने पर नियंत्रण का काम करते हैं। रक्त चाप नियत्रंण करने के लिए रोज रागी मंडुआ की रोटी खायें। फिर 1 गिलास नींबू रस पानी पीयें। मंडुआ रागी और नींबू रक्तचाव समस्या को ठीक करने सहायक है।

नवजात बच्चों की दूध कमी दूर करे 

माताओं में दूध की कमी होने पर रोज मंडुआ रोटी साग खाने से समस्या दूर हो जाती है। मंडुआ रोटी, हरी साग, अंगूर, दूध, फल खूब खायें। इससे माताओं में फोलिक एसिड, आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर, विटामिनस मिनरलस की पूर्ति आसानी हो जाती है। रागी मंडुवा एक तरह से नेचुरल टॉनिक का काम करता है।


पाचन शक्ति ठीक करे  

मंडुआ खाने से पेट की गैस कब्ज की समस्या कम करने में सहायक और पाचन शक्ति सुचारू करने में सहायक है। मंडुआ जल्दी पाचने वाला निरोग अनाज है। रागी मंडआ में फाईटोएसिड पाया जाता है।

अनिद्रा रोग दूर करे 

 मंडुआ अवसाद, नींद जैसी समस्या को दूर करने में सहायक है।

गले की खरास दर्द दूर करे 

 मंडुआ जुकाम, सर्दी  से होने वाले गले दर्द, गले में खरास को जल्दी ठीक करने में सहायक है। 1 चम्मच अदरक रस, 5-6 लौंग पीसकर आधा लीटर पानी में उबाले। फिर उबले पानी में आधा कटोरी मंडआं रागी आटा अच्छे से मिलाकर पकायें। गर्म-गर्म सूजी सेवन करने से गला दर्द, खरास जल्दी करने में सहायक है।

त्वचा झुर्रियां मुक्त रखे 

 मंडुआ की रोटी खाने से और रागी त्वचा को रिच पोषण प्रदान करने में सहायक है। रागी फेस पैक, फेस मास्क त्वचा से दाग, धब्बे मिटाने में खास सहायक है।

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