मंगलवार, 6 नवंबर 2018

कब्ज और गैस की समस्या के लिए योग |


कुछ लोगों के लिए कब्ज एक दैनिक मामला बन गया है।और, हम आम तौर पर इसे एक बीमारी मान लेते है ; जबकि यह एक लक्षण है। यदि सही समय पर इसका इलाज़ नहीं किया गया तो यह श्रोणि रोगों और पेट के विकारों में बदल सकता है । लेकिन हम अक्सर कब्ज को लापरवाही से लेते हैं।

कब्ज कैसे होता है? 

कब्ज अलग अलग लोगों के लिए अलग अलग मायने रखता है। कुछ लोगों के लिए यह असामयिक मल हो सकता है, और कुछ लोगों के लिए केवल कठिन मल का पारित होना हो सकता है । जो भी मामला हो, इस समस्या का मूल कारण हमारी अस्वास्थ्यकर जीवनशैली है।

अनुचित काम का समय, आराम करने के लिए कम समय और बहुत अधिक जंक फूड का सेवन हमारे शरीर को नुकसान पहुचाता है जिसे कि हम अक्सर नज़रअंदाज़ कर देते है । इसके अलावा आहार में ताज़े फल और हरी पत्तेदार सब्जियों की कमी से, विशेष रूप से भोजन जिसमें फाइबर कम हो, कब्ज का कारण बन सकता है। पानी का कम सेवन भी एक और कारण है।

कब्ज के लक्षण |

⦁ अनियमित या कम मात्रा में मल त्याग

⦁ मल त्यागने में दबाव

⦁ छोटे या कठिन मल का पारित होना

⦁ पेट में दर्द और ऐंठन

⦁ फूला हुआ पेट

कब्ज का इलाज |


⦁ हमारे आहार के माध्यम से हम कब्ज का सरल तरीके से इलाज कर सकते हैं । ताजी पत्तेदार सब्जियों और फलों जैसे फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का अधिक से अधिक सेवन करें ।

⦁ पानी का खूब सेवन करें। सुबह में गर्म तरल पदार्थ का सेवन बहुत उपयोगी हो सकता है।

⦁ दैनिक मल त्याग के लिए एक नियमित दिनचर्या स्थापित करें ।

⦁ नियमित योगाभ्यास करें ।


योग, कब्ज को दूर करने का एक प्राकृतिक तरीका |

कुछ ही मिनटों का नियमित योग अभ्यास अनियमित मल त्यागने की तकलीफ़ को सुधारने में मदद करता है, पेट में खिंचाव और पेट फूलने की समस्या से भी राहत दिलाता है व सारा दिन सुख एवं शांति रखने में भी मदद करता है । योग हमारे शरीर को तरोताज़ा करता है और शरीर में रक्त औरऑक्सीजन के प्रवाह को भी बढ़ाने में मदद करता है। अधिकांश योग आसनों में श्रोणि का अच्छा संचलन शामिल होने के कारण, योग अभ्यास वास्तव में कब्ज से राहत दिलाने में मदद कर सकता हैं।

कब्ज दूर करने के लिए पाँच योगासन |

यहाँ कुछ योग आसन दिए गए हैं, नियमित रूप इनका अभ्यास करने पर, कब्ज की बीमारी में राहत मिल सकती है।

मयूरासन |

अर्ध मत्स्येंद्रासन  |

 हलासन |

पवनमुक्तासन |

तितली मुद्रा |



1. मयूरासन |

यह आसन पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है और अस्वास्थ्यकर भोजन के प्रभाव को नष्ट करता है। यह आसन पेट दबाव को बढ़ाता है ,जो प्लीहा और यकृत एनलार्ज्मेंट्स को कम कर देता है । यह आसन आंतो को भी मजबूत बनाता है। इस तरह से कब्ज की समस्या से राहत दिलाता में मदद करता है ।



2. अर्ध मत्स्येंद्रासन | 

इस आसन के महत्वपूर्ण शारीरिक पहलू यह हैं की - यह अग्न्याशय, जिगर, तिल्ली, गुर्दे, पेट, और आरोही और अवरोही बृहदान्त्र  को उत्तेजित करता है , इसलिए मल त्यागने में सुधार और कब्ज से राहत प्रदान करता है

3. हलासन | 

यह आसन यकृत और आंत को आराम प्रदान करता है। यह एक ऐसा आसन है जो श्रोणि क्षेत्र में रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है और पाचन को भी बढ़ाता है।


4. पवनमुक्तासन | 

जैसा नाम से ही पता चलता है, यह आसन शरीर से गैस को बाहर निकालने में मदद करता है। हम में से ज्यादातर नियमित कब्ज से पीड़ित लोगों के लिए यह एक आम परेशानी है। यह आसन अपच/ मन्दाग्नि सहित कई पाचन संबंधी विकार को भी दूर करने में मदद कर सकता है । यह अम्लपित्त  से राहत दिलाने में भी मदद करता है, जो की अपच के कारण ही होता है ।



5.तितली मुद्रा | 

यह आगे झुककर करने वाले आसन से हमारे पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद मिलती है और गैस, ऐंठन और पेट की सूजन से भी राहत दिलाता है। यह आसन तनाव को कम करने में भी मदद करता है जो कि अच्छे पाचन के लिए अत्यंत आवश्यक है ।



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