गुरुवार, 1 नवंबर 2018
खजूर के फायदे
खजूर का पेड ३०-४० फीट तक बढता है। इसका तना शाखाविहीन कठोर, गोलाकार और खुरदरा होता है। इसकी उपज रेगीस्तान में, कम पानी और गर्म मौसम की जगह में होती है। नारीयल के समान इसके पेड के ऊपरी भाग में पत्तों के नीचे, घोसलों में खजूर लगते है। हरे कच्चे खजूर पकने के बाद भुरे तथा चिपचिपे होने लगते है। खजूर सुखने के बाद वह खारक कहलाती है।
आयुर्वेद के अनुसार खजूर मधुर,पौष्टिक,बलवर्धक,श्रमहारक, संतोष दिलाने वाला, पित्तनाशक, वीर्यवर्धक और शीतल गुणों वाला है। खजूर और खारक में विटामिन,प्रोटीन,रेशे,कार्बोहाइड्रेट और शर्करा होने की वजह से उसे पूर्ण आहार कहा जाता है। इसलिये उसे सभी उपवास में शरीरके संघर्षण की आपूर्ति करने के लिये उपयोग में लाया जाता है। ताजे, हरे खजूरका रायता बनाया जाता है। खजूर की चटनी बनती है। केक और पुडींग में खजूर का उपयोग किया जाता है।
सावधानी:
⦁ मधुमेंह के रोगी इसका उपयोग ना करे।
⦁ खजूर पाचन में भारी होता है, तथा इसके अति सेवन से दस्त हो सकते है।
शक्तिवर्धक खजूर के लाभ:
मधुर, पौष्टिक, बलवर्धक, श्रम हारक और संतोष दिलानेवाला खजूर शीतल गुण वाला है। सुखाये हुए खजूर को खारक कहा जाता है। खजूर के सारे गुण खारक में पाये जाते है।
1. रक्तक्षय, खून की कमी
खून में लोह की मात्रा कम हो जाने से थकान, घबराहट, दिल की धडकन बढना जैसी तकलीफ होती है। ऐसे में इक्कीस दिन लगातार 4-5 खजूर खाने चाहिये।
पुराने एनिमिया में, दिमागको खून की आपूर्ति कम होती है। जिसके कारण भूलजाना, चक्कर आना, अवसाद आदि लक्षण पाये जाय, तो छः महिने तक आहार में 7-8 खजूर लें इससे राहत मिलती है।
2. गठिया
दुर्बलता में पैर दर्द तथा गठिया में, एक कप गरम दुध में एक चम्मच गाय का घी और एक चम्मच खारक पावडर मिलाकर, गर्म ही पिलाये।
3. महिलाओं का पैरदर्द, कमर दर्द
ज्यादातर महिलाओं में पैर दर्द, कमर दर्द की शिकायत होती है। ऐसे में 5 खजूर आधा चम्मच मेंथी के साथ दो ग्लास पानी में उबालकर आधा होने तक उबालें। गुनगुना होने के बाद पिलाये। इस से राहत मिलती है !
4. कब्ज
अगर सुबह पेट साफ ना होता हो, तो 5-6 खजूर रात में पानी में भिगोये। सुबह अच्छी तरह खजूर रगडकर वह पानी पिलाये। खजूर रेचक है। पेट साफ करता है।
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