गुरुवार, 8 नवंबर 2018
झंगोरा उत्तराखंडियों की ताकत का राज
झंगोरा
पहाड़ी क्षेत्रों में काफी मात्रा में उगाए जाने वाले झंगोरा के बारे में तो आप जानते ही होंगे। आज भले ही नई पीढ़ी के लोग झंगोरा को भूल रहे हैं, लेकिन आज झंगोरा की डिमांड देश के बाकी हिस्सों और विदेशों में भी बढ़ती जा रही है। लेकिन हैरानी की बात तो ये है कि उत्तराखंड की नई पीढ़ी जानना तक नहीं चाहती कि आखिर झंगोरा किस बला का नाम है। धंगोरा का बिलियन डॉलर ग्रास के नाम से भी जाना जाता है। उत्तराखंड के अलावा अमेरिका, चीन, पाकिस्तान में भी इसकी खेती की जाती है। कहा जाता है कि झंगोरा सबसे तेजी से उगने वाली फसल होती है, ये किसी भी मौसम में या यूं कहें कि विपरीत वातावरण में भी उग जाता है।
कैसे झंगोरा आपके लिए ताकतवर साबित हो सकता है।
शुगर के रोगियों के लिए सबसे शानदार और पोषक तत्व झंगोरा से बढ़कर कोई नहीं है। ये शरीर में ग्लूकोज लेवल को मेंटेन रखता है। इसके अलावा इसमें प्रोटीन, वसा, फाइबर, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, मैग्नीसियम, जिंक जैसे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। कहते है कि 1970 के दशक में भारत में सबसे ज्यादा झंगोरा उगाया जाता था। साल 2000 तक इसका उत्पादन बढ़ता गया। इसके बाद इसके उत्पादन में भारी कमी आई है। बताया जाता है कि 2005 आते आते इसके उत्पादन में भारी कमी आ गई। शानदार फसल और पोषक तत्व कहा जाने वाला झंगोरा अब केवल पशुओं के चारे और शराब बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। उत्तराखंड में लोगों ने इस फसल का उत्पादन छोड़ा तो फ्रांस में इसका उत्पादन जबरदस्त तरीके से बढ़ गया है। बताया जा रहा है कि इस वक्त दुनिया में सबसे ज्यादा झंगोरा का उत्पादन फ्रांस में होता है। इस वजह से फ्रांस की अर्थव्यवस्था कृषि पर काफी निर्भर है। धीरे धीरे बाकी मुल्कों में झंगोरा से कई तरह के खाद्य उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। इनमें पापड़, इडली, मिठाई, उपमा और ना जाने कैसे कैसे सेहतमंद और स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किे जा रहे हैं।
आज हम उत्तराखंडी झंगोरे की कीमत को भूल गए हैं। जो कभी उत्तराखंडियों की ताकत का राज कहा जाता था, हमारे पूर्वज पहाड़ों में पहले इसी की खेती करते थे। झंगोरा, कोदा, कौंड़ीं और कंडाली ये चार चीजें शरीर को बलवान तो बनाती ही हैं, इसके साथ ही शरीर को स्वस्थ और मजबूत रखने में काफी मददगार भी साबित होती हैं। आलम ये है कि विदेशों तक झंगोरा के गुणों के बारे में लोगों को पता चल गया है। लेकिन आज वो ही झंगोरा उत्तराखंड में बेफिक्री की मार झेल रहा है।
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